Major changes in GST rules from April 1, 2025
1 अप्रैल 2025 से GST नियमों में बड़े बदलाव – जानिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन और ई-वे बिल के नए नियम
1 अप्रैल 2025 से जीएसटी (GST) प्रणाली में कुछ अहम बदलाव लागू हो रहे हैं, जिनका प्रभाव हर छोटे-बड़े व्यवसाय और टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा।
ये बदलाव मुख्य रूप से डेटा सुरक्षा को मजबूत करने और फर्जी बिलिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए लाए जा रहे हैं।
इस लेख में हम आपको जीएसटी पोर्टल पर मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को अनिवार्य बनाए जाने और ई-वे बिल जनरेट करने के नए नियमों की पूरी जानकारी देंगे। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि इन बदलावों से आपको क्या लाभ होगा और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
1. मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य होगा
GSTN (Goods and Services Tax Network) ने 1 अप्रैल 2025 से सभी जीएसटी पोर्टल उपयोगकर्ताओं के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को अनिवार्य कर दिया है।
क्या है मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन?
MFA एक सुरक्षा प्रणाली है, जिसमें लॉगिन करते समय एक से अधिक सुरक्षा स्तर को पार करना होता है।
- अब तक GST पोर्टल पर केवल यूज़र आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन किया जाता था।
- लेकिन अब लॉगिन करने के लिए अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता होगी, जैसे:
- OTP (वन-टाइम पासवर्ड) – मोबाइल या ईमेल पर प्राप्त होगा।
- ऑथेंटिकेटर ऐप्स – जैसे Google Authenticator, Microsoft Authenticator आदि।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन – (यदि लागू किया जाए)
क्यों जरूरी है MFA?
- साइबर सुरक्षा को मजबूत करना:
ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए MFA एक *अतिरिक्त सुरक्षा परत* प्रदान करता है।
- अकाउंट हैकिंग से बचाव:
पासवर्ड लीक होने के बावजूद, हैकर्स बिना OTP या ऐप वेरिफिकेशन के लॉगिन नहीं कर सकेंगे।
- GST पोर्टल को सुरक्षित बनाना:
इससे टैक्स फाइलिंग, इनवॉइस जनरेशन और डेटा एक्सेस अधिक सुरक्षित हो जाएगा।
MFA कैसे काम करेगा?
1. जब आप GST पोर्टल पर लॉगिन करेंगे, तो पहले की तरह यूज़रनेम और पासवर्ड डालेंगे।
2. इसके बाद आपको एक OTP या ऐप वेरिफिकेशन कोड दर्ज करना होगा।
3. तभी आप पोर्टल एक्सेस कर सकेंगे।
2. ई-वे बिल जनरेट करने का नया नियम
अब ई-वे बिल (E-Way Bill) जनरेट करने के लिए केवल उन्हीं मूल दस्तावेजों का उपयोग किया जा सकेगा, जो 180 दिन या उससे कम पुराने होंगे।
ई-वे बिल क्या है?
ई-वे बिल एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज है, जिसका उपयोग वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता है।
- इसका उद्देश्य वस्तुओं की आवाजाही पर निगरानी रखना और फर्जी बिलिंग को रोकना है।
- ई-वे बिल उन माल और सेवाओं के लिए जरूरी होता है, जिनका मूल्य ₹50,000 से अधिक हो।
नया नियम क्या है?
- अब ई-वे बिल जनरेट करने के लिए केवल 180 दिन से कम पुराने दस्तावेज (चालान, बिल ऑफ सप्लाई आदि) मान्य होंगे।
- यदि दस्तावेज इससे अधिक पुराने हुए तो आप उस पर ई-वे बिल नहीं बना सकेंगे।
इसका उद्देश्य क्या है?
- फर्जी बिलिंग पर रोक:
पुराने दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी ई-वे बिल बनाकर टैक्स चोरी करने की घटनाओं को रोका जाएगा।
- जीएसटी अनुपालन में सुधार:
सरकार को ई-वे बिल प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
- टैक्स संग्रह में वृद्धि:
फर्जी बिलिंग कम होने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
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3. नए नियमों का प्रभाव
1. डेटा सुरक्षा मजबूत होगी:
MFA लागू होने से GST पोर्टल पर लॉगिन करना अधिक सुरक्षित हो जाएगा। टैक्स चोरी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
2. फर्जी बिलिंग पर रोक:
180 दिन की सीमा से फर्जी दस्तावेजों के जरिए ई-वे बिल बनाने में मुश्किल होगी।
3. व्यवसायों को सतर्कता बरतनी होगी:
अब व्यवसायों को समय पर बिलिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी ताकि 180 दिन की सीमा का उल्लंघन न हो।
4. व्यवसायों के लिए जरूरी सुझाव
MFA सेटअप करें:
- अगर आप GST पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अप्रैल से पहले ही MFA सेटअप कर लें।
- इसके लिए GST पोर्टल पर जाकर ऑथेंटिकेटर ऐप को लिंक करें या मोबाइल और ईमेल OTP का विकल्प चुनें।
ई-वे बिल जनरेट करने में सावधानी बरतें:
- सुनिश्चित करें कि आप 180 दिन से पुराने दस्तावेजों का उपयोग न करें।
- नियमित रूप से दस्तावेजों की वैधता चेक करें ताकि ई-वे बिल जनरेट करने में कोई समस्या न हो।
अपडेटेड डॉक्युमेंटेशन रखें:
- समय पर चालान और बिलिंग करें ताकि ई-वे बिल जनरेट करने में समस्या न आए।
5. GST पोर्टल और आधिकारिक जानकारी
इन बदलावों से संबंधित पूरी जानकारी और अपडेट के लिए आप GSTN की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं:
🔗 [GST Portal –(https://www.gst.gov.in)]
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए जीएसटी नियम व्यवसायों और टैक्सपेयर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
- MFA लागू होने से सुरक्षा मजबूत होगी और डेटा चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी।
- 180 दिन की सीमा से फर्जी ई-वे बिलिंग और टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी।
यदि आप व्यवसायी हैं, तो इन बदलावों के अनुसार पहले से तैयारी कर लें ताकि आप GST अनुपालन में किसी भी समस्या का सामना न करें।
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